लगता है भगवान भी कभी कभी गलती कर देते है। एक आवाज जो उन्होंने स्वर्ग के लिए बनाई थी, उसको गलती से शायद धरती पर भेज दिया गया। जिस आवाज के बिना सुनहरा दौर 'सुनहरा' नहीं कहा जा सकता, ऐसी दिल को छू लेने वाली आवाज से अलंकृत कुछ सदाबहार गीत:
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जिस व्यक्ति का दिल जितना साफ होता है उसकी आवाज उतनी ही मीठी होती है, उसको बार बार सुनने को जी चाहता है। अधिकतर गायकों की आवाज 'गले' से निकलती है, बहुत कम गायक 'दिल' से गाते हैं और ऐसे गायक तो बहुत ही विरले हैं जिनकी आवाज 'आत्मा' से निकलती है। शायद यही रहस्य है जिसके कारण रफी साहब की आवाज हमें छू लेती है, रोमांचित करती है, सुनने वाले के जीवन का अविभाज्य अंग बन जाती है और हमारी दुवाएँ, हमारी शिकायतें परमात्मा के द्वार तक पहुँचा देती है। कुछ चीजों की नकल उतारना (duplicate) असंभव-सा होता है, रफी-लता की आवाजें इस श्रेणी की हैं। कविता कृष्णमूर्ति ने क्या खूब कहा है। वे कहती है - जब भी मैं रफिजी को सुनती हूँ, मैं शुद्ध हो जाती हूँ, सुरों में डूब जाती हूँ और मुझे लगता है की ईश्वर तक पहुँचने का यही रास्ता है।
रफी साहब एक इन्तेहाई शर्मिले और बहुत ही खामोश आदमी थे। बात भी करते थे तो इतने नम्र अंदाज में कि सुनने वाला यह सोचकर हैरान हो जाता कि इतने महान पद पर विराजमान होते हुए भी इन्हे अहंकार का स्पर्श तक नहीं हुआ है। उनके मुख से ज्यादातर निकलने वाले शब्द हुआ करते थे 'जी हाँ' या 'जी नहीं'। खाली समय में खामोश बैठे रहते, अपने चेहरे पे वही चिरपरिचित संतोषपूर्ण हँसी को धारण किये हुए, जो उनका स्थायी भाव था।
यहाँ पर उस रहस्यमयी हँसी का जिक्र करना जरूरी है जो रफी साहब के मुखमण्डल पर हमेशा दृग्गोचर हुआ करती थी। उनके प्रायः प्रत्येक फोटो में यह हँसी दिखाई देती है। इस प्रकार की हँसी उसी आदमी के चेहरे पर विराजमान रहती है जो अपने जीवन से पूर्ण रूप से संतुष्ट है, समाधानी है और जिसकी कुछ भी पाने की कोई कामना अभी शेष नहीं है और जो कुछ उसने पाया वह औरों के साथ जो बांटना चाहता हो। अन्यथा, पग पग पर जहाँ समस्याओं का सामना करना पडता है ऐसे जीवन में प्रसन्नता से भरे ऐसे चेहरे का दर्शन कितनी दुर्लभ बात है।
रफी के गाने 'सुनने' को बडे आसान लगते है लेकिन 'गाने' के लिए होते है बडे कठिन। मन्ना डे भी कहते है - हममें से कोई भी रफी नहीं हो सकता। और अगर कोई गा भी ले तो आवाज की वह गहराई, वह कशिश पैदा करने के लिए रफी जैसी ही बेमिसाल कुदरती प्रतिभा का होना जरूरी है। रफी साहब की और एक विशेषता यह थी की उनको पैसा, प्रसिद्धि या ग्लैमर का तनिक भी आकर्षण नहीं था। यहाँ तक की जिन फिल्मों के लिए वे गाते थे उन फिल्मों का भी उन्हें आकर्षण नहीं था। परिवार वाले जब बहुत ही जिद करते तब उनका मन रखने के लिए वो कभी कभी कोई फिल्म देख लेते। उन्होंने शराब को कभी छुआ नहीं लेकिन अपने सुरों के नशे में सारी दुनिया को मदहोश कर दिया।
संगीतकाररवि के निर्देशन में जब 'बाबुल की दुआएँ लेती जा' यह गीत रिकॉर्ड हो रहा था, तब रफी बडे भावुक हो जाते और उनकी आँखों में आँसू आ जाते। कई टेक लेने के बाद यह गाना रिकॉर्ड हो पाया। गाना रिकॉर्ड होने के दो दिन पहले ही रफी साहब की बेटी की सगाई हुई थी। महान गायकों की यह विशेषता होती है कि जब वे गाते हैं तब शब्दों के माध्यम से व्यक्त होने वाले भाव के साथ एकरूप होकर गाते हैं। यही कारण है आशाजी 'अब के बरस भेज भैया को बाबुल' गाते वक्त और किशोर कुमार 'जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर' गाते वक्त ऐसे ही भावुक बन गए थे। वसंत प्रभु के संगीत निर्देशन में ऐसे कुछ मराठी गीत भी हैं जो गाते वक्त स्वयं लता जी भी अत्यंत भावुक हो गयी थी।
आजकल यूट्यूब पे कुछ वीडियो चल रहे हैं जिसमे बताया जा रहा है कि आशाजी ने रफी साहब के बारे में कुछ उल्टी-सीधी बातें करती है। यह तो सरेआम झूठ है, ऐसी कोई बात आशाजी ने रफी साहब के बारे में कभी कही नहीं। ये सभी कलाकार संगीत के उपासक थे जो कला का हमेशा सम्मान करते थे, अगर एक-दूसरे के दोष देखते रहते या ईर्ष्या करते तो महान गायकों के पद पर विराजमान न होते। एक बात जरूर है, गीत की कोई लाइन को किस तरह से गाया जाए इसको लेकर संगीतकार और गायकों के बीच बहस हुआ करती, (खास कर किशोर कुमार जब होते) जिसके परिणामस्वरूप एक सुमधुर गीत का जन्म हो जाता। रफी साहब ने न कभी ऐसे बहस में हिस्सा लिया, न कभी रॉयल्टी को लेकर अडे रहे। भारतीय फिल्म संगीत के उस सुनहरे दौर में किसी भी मजहब, जाती या पंथ की दीवारें कभी बीच में खडी नहीं हुई। अगर ऐसा होता तो गीतकार शकील बदायुनी, संगीतकार नौशाद और गायक मोहम्मद रफी, जो तीनों भी हिन्दू नहीं थे, ओ दुनिया के रखवाले, मन तरपत हरी दर्शन को आज, या मधुबन में राधिका नाचे रे जैसे गीतों का निर्माण न करते।
रफी जब नृत्य गीत गाते है तो आप नृत्य करते है। रफी जब उदास गीत गाते है तब आप रोते है। वो जब प्रेम गीत गाते है तब लैला-मजनुओं के दिलों की धडकनें बढ जाती है। वो जब बाल गीत गाते है तब स्वयं एक शिशु बन जाते है और जब भक्ति गीत गाते है तब फरिश्तें डोलते हैं। रफी जब तुम्हारे भीतर उतरते है तब वो आपके हो जाते है और आप उनके हो जाते हैं।
मात्र ५५ साल के उम्र में खुदा ने रफी साहब को अपने मनोरंजन के लिए जन्नत में बुला लिया। विरासत के रूप में वो छोड गए अपने दिलकश अमर सुर जिनका जादू कई सदियों तक बरकरार रहेगा। अपने ३६ साल के सांगीतिक करियर में रफी साहब ने एस. डी. बर्मन, नौशाद, मदन मोहन, सलिल चौधरी, ओ. पी. नैय्यरआर. डी. बर्मन, चित्रगुप्त, रवि, जयदेव, रोशन, शंकर-जयकिशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी आदि सभी संगीतकारों के निर्देशन में सैकडो गीत गाये।
रफी साहब को 'भारत रत्न' न मिलने से उनके चाहने वाले दुखी रहते है। जिस व्यक्ति को करोडों लोगों ने अपने दिलों में सम्मान और प्रेम का स्थान दिया हो उस व्यक्ति के लिए कोई पुरस्कार विशेष मायने नहीं रखता। मोहम्मद रफी को भारत रत्न की जरूरत नहीं है, शायद 'भारतरत्न' को ही मोहम्मद रफी की जरुरत हो सकती है। हम लोग रफी तो नहीं बन सकते लेकिन रफी जैसे अच्छे इंसान बनने की कोशिश हमने जरूर करनी चाहिए!
*रफी साहब के गीतों का सबसे ज्यादा मजा तब आता है जब आप उन गीतों को इयरफोन में या बडे स्पीकर पर सुने जाते हैं। रफी साहब का कौन सा गीत आपके दिल के सबसे ज्यादा करीब है?
Mohammad Rafi, one of the greatest playback singers in the history of Indian cinema, is a name that resonates with millions of music lovers across the world. His voice transcended barriers of language, culture, and geography, earning him an unparalleled place in the hearts of his listeners. Rafi's career spanned over three decades, and during this time, he sang an immense variety of songs, ranging from romantic ballads to patriotic anthems, devotional songs to qawwalis, and everything in between. His versatility, impeccable vocal range, and emotive expressions made him a favorite of music directors, lyricists, and, most importantly, the audiences.
Have you ever thought over this: How many people would see films if Rafi Saab' songs were removed from those of Dilip Kumar, Dev Anand, Rajendra Kumar, Shammi Kapoor, Sunil Dutt, Pradeep Kumar, Dharmendra, and others? Rafi Sahab's songs were the sole reason many movies gained popularity; their acting and storyline lacked substance. However, it was interesting to learn that Rafi Sahab did not enjoy watching movies! He would doze off in the theatre! In fact he believed that worshiping music was on par with worshiping God. Hundreds of singers have attempted to emulate Rafi up to this point, but they have failed to achieve the kind of depth that Rafisaheb had. Rafisaheb's voice will follow you through all of your life's journey, including happiness, sadness, loneliness, and gloom. Rafisaab was just 55 years old when God called him to His abode; probably this may have been the voice that Paradise was missing.
Mohammad Rafi’s legacy as a singer is unparalleled, but it is his character as a human being that truly sets him apart. He was not just a voice; he was a person whose life and actions spoke volumes about kindness, humility, and selflessness. His songs continue to live on, and so does the memory of the man behind those songs—a man who touched the hearts of millions with his voice and his spirit. Whether it was through the poignant words of his love songs, the patriotic fervor in his anthems, or the warmth in his devotional music, Rafi’s music continues to speak to us across generations. And while we may no longer hear his voice, his music and his humanity will never be forgotten.
Some of the most touching songs of Mohammad Rafi are: Meri Aawaj Suno Pyaar Ka Raaj Suno,Tum Mujhe Yun Bhula Na Paoge,Ye Aansoo Mere Dil Ki Zuban Hai ,Hui Sham Unka Khayal Aa Gaya,Is Rang Badlati Duniya Mein,Din Dhal Jaye, Babul Ki Duayen Leti Ja,Mera Man Tera Pyasa,O Door Ke Musafir,Yaad Na Jaaye Beete Dinon Ki
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Just amazing
ReplyDeleteMind blowing app
ReplyDeleteSupper👍👍👍
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteVery heart touching song
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteMind-blowing
ReplyDeleteEvery Music Director and all Male females singer you have included of Golden Era this is like dream chum true and all Great's in ne umbrella but I not getting Mannadeys songs pl include them .or might be I am not able to track his songs
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