हमेशा नयी नयी धुनों की तलाश में रहने वाले सचिन देव बर्मन ने लोकसंगीत, शास्त्रीय संगीत तथा पाश्चात्य संगीत के सहारे कई दिलकश धुनें बनायी। भारतीय फिल्म संगीत को कई अजरामर गीत देनेवाले इस महान संगीतकार के कुछ लोकप्रिय गीत :

⋇ संगीत:

⋇ गीत:

video load time: 2-5 sec

  अपने पसंदीदा गानों का आनंद लें। हिंदी फिल्मों के स्वर्णिम काल के लोकप्रिय गीतों का खजाना अब Google Playstore पर भी। डाउनलोड करें यह ऐप-गीत बहार: The Garden of Songs

  एक बार बचपन में सचिनदा अपने दोस्तों के साथ ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते हुए टीसी के हाथों पकडे गए थे और लॉकअप में बंद करवा दिए थे। रात को दो बजे सब सो रहे थे तब इन्होने एक भजन गाना प्रारम्भ किया। उनकी सुरीली आवाज को सुनकर स्टेशन मास्टर ने सबको रिहा कर दिया था।

  एस. डी. बर्मन पान के बडे शौकीन थे। उनका पान चबाना कभी कभी यूँ रंग लाता कि एक मीठी धुन का अविष्कार हो जाता। एस. डी. बर्मन गाने की धुन बनाने में ऐसे खो जाते कि उन्हें समय का भी भान नहीं रहता। रात के चाहे कितने भी बजे हो, वे किसी धुन को तब तक फाइनल ओके नहीं करते जब तक की उससे पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाते और खुशी के मारे गायक को फोन करके उसे फोन पे ही वोह धुन सुना देते। जबकि अधिकांश संगीतकार धुन बनाने के लिए हारमोनियम या पियानो का इस्तेमाल किया करते थे, बर्मनदा हाथों से ताली बजाते हुए धुन की रचना कर देते। सचिनदा अक्सर कहा करते - जब तक मेरे पास हार्मोनियम और 'लोता' है, तब तक मुझे कोई फिकर नहीं ! देव आनंद के साथ इनकी जोडी खूब जमी। सचिनदा कहा करते कि विद्यार्थी को जहाँ कहीं भी कुछ नया संगीत सिखने को मिले वो तुरंत सिख लेना चाहिए, चाहे सपने में भी क्यूँ न हो। महान कलाकारों की ऐसी ही सोच होती है। स्वर सरस्वती लता जी ने भी ८५ साल की उम्र में ऐसा ही कुछ कहा था - मुझे अभी बहुत कुछ सीखना बाकि है। उनके संगीत में स्थान स्थान पर ऐसी बहोत सारी अनोखी चीजें हमें सुनाई पडती हैं जिन्हें एक मधुमख्खी की भाँति भिन्न भिन्न स्थानों से सीखकर उन्होंने इकठ्ठा कर रखा था।

  सचिनदा एक साल में केवल तीन फिल्मों को संगीत देते और हर एक धुन के लिए पूरा पूरा समय देते। उनका यह सिद्धांत था कि संगीत की गुणवत्ता हमेशा बानी रहे। एक बच्चे जैसा मासूम उनका दिल था। अपने जीवन के अंतिम दिन वे अस्पताल में एडमिट थे, वहाँ से भी उनकी संगीत चर्चा एवं संगीत दिग्दर्शन चलता रहता।

  S. D. Burman, often referred to as the "King of sweet Melody," is one of the most iconic and influential music composers in the history of Hindi cinema. His contributions to film music transcended time, and his melodies continue to resonate in the hearts of millions, decades after their creation. He was constantly in search of new tunes. S. D. Burman used to be so lost in composing music that he did not even had the sense of the time. He did not even require any musical instrument to compose a tune. His distinct music, which ranged from hauntingly soulful to peppy and vibrant, made him a household name and a cornerstone of Hindi film music in the mid-20th century.

  It is well recognized fact that a skilled artist is perceptive and willing to learn new things. During his several days of wandering in the Assamese and Tripuran jungles, Sachin Dev Burman learned new things about Bengali and local folk music. His music combines Western music, folk music, Rabindra Sangeet, and classical music in a way that makes the listener's heart skip a beat. Sachin Dada's passion for music was so strong that he would discuss it even during his final days in hospital. A 'Burman age' in film music began with Sachinada, during which time a variety of songs became popular. Many of these hit songs had their tunes written first and then songs were later tied in the notes. The first musician to try this method out was Sachin Dev Burman.

  S. D. Burman’s legacy lives on in every note and melody that continues to be celebrated in the world of Hindi film music. His artistry laid the foundation for a new era in Bollywood music, and his songs continue to evoke nostalgia, joy, and emotion in the hearts of listeners. He always preferred quality over quantity. His work is not just a part of the history of Hindi cinema; it is an integral part of the cultural fabric of India, making him one of the greatest music composers the country has ever known.

  Some of his most delightful tunes which will continue to delight the hearts of music lovers are: Rula Ke Gaya Sapna Mera , Yeh Dil Na Hota Bechara , Khoya Khoya Chaand Khula Aasman , Maana Janaab Ne Pukara Nahin , Hai Apna Dil Toh Aawara , Haal Kaisa Hai Janab Ka , Chhod Do Aanchal Zamana Kya Kahega , Hum Hain Raahi Pyar Ke , Aaj Phir Jeene Ki Tamanna Hai , Tere Mere Sapne Ab Ek Rang Hain

  ♫ To enjoy the treasure of popular songs from the Golden era of Hindi films, download this app from Google Playstore: गीत बहार: The Garden of Songs.

  ⮞ अन्य संगीतकारों के गीत यहाँ से चुनिए -

संगीतकार नौशाद के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार सलिल चौधरी के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार मदन मोहन के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार रोशन के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार आर. डी. बर्मन के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार सी. रामचंद्र के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार रवि के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार खय्याम के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार हेमंतकुमार के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार चित्रगुप्त के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार ओ. पी. नैय्यर  के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार जयदेव के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार वसंत देसाई के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार शंकर-जयकिशन के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी के लोकप्रिय गीत-वीडियो
संगीतकार एस. एन. त्रिपाठी के लोकप्रिय गीत-वीडियो

  ⮞ संगीत खजाने के कुछ अन्य मोती-

फिल्मी भक्ति गीत
फिल्मी नृत्य गीत
फिल्मी युगल गीत
फिल्मी बाल गीत
 तन्हाई भरे फिल्मी गीत
फिल्मी हास्य गीत
लता मंगेशकर लोकप्रिय गीत
आशा भोसले लोकप्रिय गीत
मोहम्मद रफी लोकप्रिय गीत

  ⮞ For the lovers of English music-

Popular Rock Stars
Popular Rock Bnads
Popular Movie Scenes
Popular Rock Bnads
Popular Movie Scenes
English Audio Songs